Not known Details About बबूल के फायदे और नुकसान





इसकी छाल एक मूल्यवान संकोचक पदार्थ है। यह कृमि नाशक और विष नाशक होती है। खांसी, ब्रोकाईटीज, अतिसार, रक्तातिसार, पित्त विकार, शरीर की जलन, बवासीर, धवल रोग, धातु पतन, जलोदर तथा उदर शोथ में भी लाभदायक हैं।

पुरुषों के वीर्य को बढ़ाने के लिए बबूल के गोंद को घी में तलकर खाने से काफी लाभ मिल सकता है।

प्राचीन समय से ही कई प्रकार की औषधियों को बनाने में बबूल की पत्तियां, छाल और गोंद आदि का उपयोग किया जा रहा है। आइए जाने बबूल के पेड़ से प्राप्त होने वाले फायदे क्‍या हैं।

इसके गोंद को घी में तलकर उसका पाक बनाकर खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है और प्रसुतिकाल काल में स्त्रियों को खिलाने से उनकी शक्ति भी बढ़ती है।

यह दूसरे दर्जे में गर्म और खुश्क है इसके फूल में थोड़ी सी गर्मी और कब्ज रहती हैं

प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को ग्वार have a peek at this web-site फली का सेवन करने से बचना चाहिए।

और पढ़ें: दाद के इलाज में बुरांश के फायदे

बबूल के पत्ते और छाल एवं बड़ की छाल लें। सबको बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर रख लें। इससे कुल्ला (गरारा) करने से गले के रोग मिट जाते हैं।

क्रीम

बुजुर्गों के अनुसार घर या घर के आस पास बबूल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि ये अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि कांटेदार पौधे लगाने से घर में दरिद्रता और अशांति आती है। इसके अलावा बच्चे इससे घायल भी हो सकते हैं।

बबूल की फली को छाया में सुखाकर पीस लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम रोज पानी के साथ लें। इससे वीर्य के विकार ठीक होते हैं।

नारियल के तेल में मिलाएं बस ये चीज, कोहनी और घुटने का कालापन हो जाएगा गायब

इस गोंद को घी में भूनकर इसको किसी भी प्रकार के लड्डू या पिनिया बनाने में भी किया जा सकता है।

इसके सेवन से शरीर मे सूजन की समस्या भी हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *